2023 ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित
- 03 Apr 2021
मार्च 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत की ओर से पेश एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है, जिसके तहत वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ (International Year of Millets) घोषित किया गया है। इस प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया।
- इसका उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों में मोटे अनाज के पोषण और स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- मोटे अनाज या कदन्न (millet) में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो, सावां आदि शामिल हैं।
- अप्रैल 2016 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भूख को मिटाने और दुनिया भर में कुपोषण के सभी प्रकारों की रोकथाम की आवश्यकता को मान्यता देते हुए 2016 से 2025 तक 'पोषण पर संयुक्त राष्ट्र कार्रवाई दशक' (U.N. Decade of Action on Nutrition) की घोषणा की थी।
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