यूरोपीय ग्रीन डील
- 21 Dec 2019
- 11 दिसंबर, 2019 को यूरोपीय आयोग ने यूरोपीय ग्रीन डीलपेश किया,जो यूरोपीय नागरिकों और व्यवसायों को स्थायी हरित संक्रमण (green transition) से लाभान्वित होने में सक्षम बनाएगा।
- इस समझौते में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है और विशेष रूप से परिवहन, ऊर्जा, कृषि, भवनों और इस्पात, सीमेंट, आईसीटी, वस्त्र और रसायन जैसे उद्योगों पर जोर दिया गया है।
लक्ष्य
- यह यूरोपीय संघ (EU) को आधुनिक, संसाधन-कुशल और प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनाने के साथ एक निष्पक्ष और समृद्ध समाज में बदलने का लक्ष्य रखता है।
- यूरोपीय संघ की प्राकृतिक पूंजी कासंरक्षण और संवर्धन करने के साथ ही पर्यावरण से संबंधित जोखिमों और दुष्प्रभावों से नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करना।
जरूरत
- यूरोपीय संघमें 28 सदस्य देश शामिल हैं जोचीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है।
यूरोपीय डील के प्रमुख बिंदु
जलवायु तटस्थ यूरोप
- यह यूरोपीय ग्रीन डील का अति महत्वपूर्ण उद्देश्य है। EU2050 तक शुद्ध-शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है, जिसे मार्च 2020 में प्रस्तुत किये जाने वाले ‘क्लाइमेट लॉ’में शामिल किया जायेगा।
उत्सर्जन कमी के लक्ष्य को बढ़ाना
- यूरोपीय संघ 1990 के स्तर की तुलना में 2030 तक अपने उत्सर्जन में 40 प्रतिशत की कमी करने के लिए प्रतिबद्ध है जो पेरिस समझौते के तहत घोषित इसकी जलवायु कार्य योजना का हिस्सा है। लेकिन अब उत्सर्जन को कम से कम 50 प्रतिशत तक कम कर,55 प्रतिशत की दिशा में बढ़ने का फैसला किया गया है।
सर्कुलर अर्थव्यवस्था
- मार्च 2020 में,एक नई ‘सर्कुलर अर्थव्यवस्था कार्य योजना’ पेश की जाएगी जो यूरोपीय संघ की व्यापक औद्योगिक रणनीति होगी। इसमें एक स्थायी(sustainable) उत्पाद नीति को शामिल किया जायेगा, जो "हम कैसे चीजें बनाते हैं पर निर्देश" होगी | इससे सुनिश्चित होगा कि कम सामग्री का उपयोग कर, उत्पादों का पुन: उपयोग और पुनर्नवीनीकरण किया जा सके।
भवन का नवीनीकरण
- यह ग्रीन डील के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसका मुख्य उद्देश्य इमारतों के नवीकरण दर को ‘कम से कम दोगुना यातिगुना’ करना है | वर्तमान में यह लगभग 1% है।
शून्य प्रदूषण
- इसका उद्देश्य 2050 तक "प्रदूषण-मुक्त वातावरण" का निर्माण करना है जो हवा, मिट्टी या पानी के शुन्य प्रदुषण से सम्बंधित है। नई पहल में "विषाक्त-मुक्त वातावरण" के लिए रासायनिक रणनीति शामिल है।
पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता को पुनर्जीवित करना
- अक्टूबर 2020 मे,चीन में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन आयोजित होगा | इस सम्मलेन से पहले, मार्च 2020 में एक नई जैव विविधता रणनीति प्रस्तुत की जाएगी।
- इसमें मिट्टी और जल प्रदूषण से निपटने के उपाय के साथ-साथ एक नई वन रणनीति शामिल हैं।
- निर्वनीकरण से मुक्त कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नए लेबलिंग नियम बनाए जाएंगे।
फार्म टू फोर्क रणनीति
- वसंत 2020 में पेश की जाने वाली नई रणनीति "हरा और स्वस्थ कृषि" प्रणाली को लक्ष्य करती है। इसमें रासायनिक कीटनाशकों, उर्वरकों और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को कम करने की योजना है।
परिवहन
- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2025 तक पूरे यूरोप में 1 मिलियन सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट निर्मित किये जाएंगे ।
- सतत वैकल्पिक ईंधन - जैव ईंधन और हाइड्रोजन - को विमानन, शिपिंग और सड़क परिवहन में बढ़ावा दिया जाएगा जहां विद्युतीकरण संभव नहीं है।
हरित निवेश
- यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) ने 2021 के अंत में जीवाश्म ईंधन से सम्बंधित परियोजनाओं को धन न उपलब्ध कराने का फैसला किया।
- आने वाले वर्षों में सतत यूरोप निवेश योजना लागू की जाएगी जिसके माध्यम से यूरोपीय ग्रीन डील की नीतियों को वित्त पोषित किया जायेगा।
संक्रमण निधि
- "किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने" के उद्देश्य की घोषणा करता है और आयोग जीवाश्म ईंधन पर सबसे अधिक निर्भर क्षेत्रों को मदद करने के लिए एक उचित संक्रमण तंत्र का प्रस्ताव करता है। यह सबसे कमजोर क्षेत्रों और क्षेत्रकों को लक्षित कर,100 बिलियन यूरो आबंटित करने का लक्ष्य रखता है।
प्रभाव
- रोडमैप प्रदान करना: यह स्वच्छ एवं सर्कुलर अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन को रोकने, जैव विविधता के नुकसान को कम करने और प्रदूषण में कटौती करके संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के कार्यों के लिए रोडमैप प्रदान करता है।
- पर्यावरण में सुधार: जैव विविधता की हानि को रोकने से सम्बंधित पहलें पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करके प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ लाएगी ।
- स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार: इसमें विशिष्ट कार्य शामिल हैं जो जनता के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करेंगे। इनमें वायु और जल प्रदूषण,जैसे खतरनाक रसायनों से होने वाले प्रदूषण, से निपटने के लिए कार्य योजना शामिल हैं।
- उपभोक्ताओं को लाभ: उपभोक्ता अधिक टिकाऊ उत्पादों से लाभान्वित होंगे, जो मरम्मत योग्य तथा टिकाऊ होंगे और कम ऊर्जा का उपयोग कर कार्य करेंगे। यह उत्पादों के सम्पूर्ण जीवनकाल में उपयोग की लागत को कम करने में मदद कर सकता है ।
- व्यापार को बढ़ावा देना: यह उत्पादकों को अपने उत्पादों को आधुनिक और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का अवसर प्रदान करता है। बहु-वार्षिक वित्तीय ढांचे से निवेश और नवाचार कार्यक्रमों को समर्थन प्राप्त होगा जिसका उपयोग कर उद्योग नई पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों और स्थायी समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित होंगे |
आगे की राह
- यूरोपीय संघ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए यह निर्णय पूरे विश्व पर प्रभाव डालेगी । यह एजेंडा 2030 और सतत विकास लक्ष्यों को लागू करने की रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है।
- यूरोपीय ग्रीन डील को कार्यान्वित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। ये क्षेत्र अर्थव्यवस्था, उद्योग, उत्पादन और खपत, बुनियादी ढांचे, परिवहन, खाद्य और कृषि, निर्माण, कराधान स्वच्छ ऊर्जा आदि से सम्बंधित हो सकते है |
- इसके उत्सर्जन में कटौती से सम्बंधित लक्ष्य अपर्याप्त है जो जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी और अपरिवर्तनीय प्रभावों से विश्व को बचाने के लिए आवश्यक होगा।
- चीन और भारत जैसे बड़े विकासशील देशों सहित अन्य बड़े उत्सर्जकों से भी यह संकेत मिल रहा है कि वे भी अपने जलवायु कार्यों को तत्काल बढ़ाने पर विचार कर रहे है |
- जब तक कई अंतरराष्ट्रीय साझेदार यूरोपीय संघ के समान महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त करना निर्धारित नहीं करते है, तब तक कार्बन रिसाव का खतरा बना रहेगा है | क्योंकि यूरोपीय संघ से उत्पादन कमी अन्य देशों केकम महत्वाकांक्षी लक्ष्य से स्थानांतरित हो जायेगा या यूरोपीय संघ के उत्पादों को अधिक कार्बन-गहन आयात द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जायेगा |
- यदि ऐसा हो जाता हैतो वैश्विक उत्सर्जन में कमी नहीं होगी, और यह पेरिस समझौते के वैश्विक जलवायु उद्देश्यों को पूरा करने के लिए यूरोपीय संघ और इसके प्रयासों को हतोत्साहित करेगा।