भारत करेगा हिमालयी ग्लेशियरों का हवाई रडार सर्वेक्षण
- 26 Mar 2021
भारत ने हिमालय के ग्लेशियरों की मोटाई का अनुमान लगाने के लिए हवाई रडार सर्वेक्षण की योजना बनाई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस योजना के तहत, पायलट अध्ययन हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति बेसिन में किया जाएगा। इसके बाद, सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र उप-घाटियों में भी इसी तरह के अध्ययन किए जाएंगे।
- यह प्रस्ताव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान केंद्र (National Centre for Polar & Ocean Research – NCPOR) द्वारा शुरू किया गया है।
- यह सर्वेक्षण भारत की नदी प्रणालियों में ग्लेशियरों के महत्व के कारण महत्वपूर्ण है और गंगा के मैदानों (Indo-Gangetic Plains) में 500 मिलियन लोग इस पर आश्रित हैं। वे ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।
- देश की लगभग 33% तापीय बिजली और देश में 52% जलविद्युत परियोजनाएं हिमालय से उद्गम होने वाली नदियों के जल पर निर्भर है।
- राष्ट्रीय ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान केंद्र एक भारतीय अनुसंधान और विकास संस्थान है, जो गोवा में वास्को डी गामा में स्थित है। इसे पूर्व में अंटार्कटिक और महासागर अनुसंधान केंद्र (NCAOR) के रूप में जाना जाता था। इसकी स्थापना1998 में हुई थी।
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