‘प्रोजेक्ट लायन’: 6 पुनर्वास स्थलों की पहचान
- 05 Nov 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2020 को घोषित 'प्रोजेक्ट लायन' (Project Lion) के तहत कूनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य के अलावा छ: नए पुनर्वास स्थलों की पहचान की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: भविष्य में संभावित शेर पुनर्वास के लिए पहचाने गए छ: नए स्थलों में शामिल हैं:
- माधव राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश;
- सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य, राजस्थान;
- मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, राजस्थान;
- गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य, मध्य प्रदेश;
- कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, राजस्थान;
- जेसोर-बालाराम अंबाजी वन्यजीव अभयारण्य और आसपास के क्षेत्र, गुजरात
- यह कार्यक्रम एशियाई शेर के संरक्षण के लिए शुरू किया गया है, जिसकी अंतिम शेष जंगली आबादी 30,000 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैले गुजरात के ‘एशियाई शेर परिदृश्य’ (Asiatic lion landscape) में पायी जाती है।
- एशियाई शेर परिदृश्य में 'गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य' तथा जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, पोरबंदर, राजकोट, गिर-सोमनाथ, बोटाद और जामनगर सहित गुजरात के आठ जिलों को शामिल किया गया है।
पुनर्वासन की आवश्यकता: गिर में आबादी में आनुवंशिक विविधता कम है, जिससे यह महामारी के खतरों के प्रति संवेदनशील है।
- सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में गुजरात सरकार को एशियाई शेरों को मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
अन्य तथ्य: एशियाई शेरों को आईयूसीएन (IUCN) द्वारा 'संकटग्रस्त' (endangered) प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा यह भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची-I में सूचीबद्ध है।
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