राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन

  • 17 Aug 2020

  • 15 अगस्त, 2020 कोप्रधान मंत्री ने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission- NDHM) का शुभारंभ किया।

पृष्ठभूमि

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 ने एक डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकी के निर्माण की परिकल्पना की है, जिसका उद्देश्य एक एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्रणाली विकसित करना है जो सभी हितधारकों की ज़रूरतों को पूरा करे तथा सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवा के साथ जुड़ाव के साथ दक्षता, पारदर्शिता और नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाए।
  • इसके संदर्भ में, केंद्र सरकार के विचार मंच (थिंक-टैंक) नीति आयोग ने जून 2018 में भारत की स्वास्थ्य प्रणालीको एक डिजिटल आधार (नेशनल हेल्थ स्टैक) प्रदान करने के लिए परामर्श ज़ारी किया था।
  • अपने परामर्श के एक हिस्से में, नीति आयोग ने "रोकथाम योग्य चिकित्सा त्रुटियों के ज़ेखिम को कम करने और देखभाल की गुणवत्ता में वृद्धि"के लिए एक डिजिटल हेल्थ आईडी का प्रस्ताव रखा।
  • यह प्रस्तावकेंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA), तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ मिलकर आगे बढ़ाया ताकि“सभी के लिए डिजिटल हेल्थकेयर सक्षम करने के साथ भारत को डिजिटल स्वास्थ्य राष्ट्र बनाने”के लिए एक रणनीति अवलोकन दस्तावेज़ तैयार किया जाये।

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) की मुख्य विशेषताएं

क्रियान्वयन

  • भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की रूपरेखा तैयार करने और इसके क्रियान्वयन का जिम्मा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संबद्ध कार्यालय और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कोअमलमें लाने के लिए जिम्मेदार शीर्ष केंद्र सरकार एजेंसीको सौंपा गया है।

अग्रगामी परियोजना

  • अपने पहले चरण में, मिशन केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़,दादरा और नगर हवेली,दमन और दीव, लक्षद्वीप, लद्दाख और पुदुचेरी में शुरू होगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आईडी प्रणाली का निर्माण

  • मिशन के तहत, प्रत्येक भारतीय को एक नई आधार जैसी स्वास्थ्य आईडी मिलेगी जो व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड को संग्रहित करेगी, जिसमें डॉक्टर के साथ संपर्क, बीमारियां, उपचार की रूपरेखा और ली गई दवाएं शामिल हैं।
  • यह एकीकृत रूप से टेलीमेडिसिन,ई-फार्मेसी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य रजिस्ट्री निर्माण करने की सुविधा से युक्त होगा।
  • किसी रोगी की बीमारी के रिकॉर्ड की एक प्रति उनके डॉक्टर की फाइलों में संग्रहित की जाएगी और एक उनके स्वयं के व्यक्तिगत लॉकर में संग्रहित की जाएगी (जो किसी कंपनी या सरकार के स्वामित्व में हो सकती है)।
  • डॉक्टरों, पेशेवरों और संस्थानों की रजिस्ट्री के अलावा, यह विकेंद्रीकृत भंडारण की अनुमति देता है।
  • किसी भी उपचार के लिए डॉक्टर की अपॉइंटमेंट से लेकर अस्पताल में भर्ती होने तक, यह आईडी आवश्यक होगा।

प्रमुख पहलें

  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशनमें छह प्रमुख पहल या डिजिटल परिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं- “हेल्थ आईडी, डिजी डॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड्स, ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन।”यह ‘नागरिक-केंद्रित’ दृष्टिकोण के माध्यम से समय पर, सुरक्षित और सस्ती स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को सक्षम करेगा।
  • इसका दृष्टिकोण एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो सभी नागरिकों को समावेशी, सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा के लिए समय पर और कुशल पहुँच प्रदान करता है।

प्रौद्योगिकी का बेहतरीन इस्तेमाल

  • इस मिशन की प्रमुख विशेषताइसके प्रौद्योगिकी का हिस्सा है - यह सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए खुले डिजिटल सिस्टम का इस्तेमाल करेगा।
  • यह एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करेगा जो मौजूदा स्वास्थ्य सूचना प्रणालियों को आत्मसात कर सकता है।

महत्व

  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करना: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता, प्रभावशीलताऔर पारदर्शिता में काफ़ी सुधार करेगा और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (वित्तीय ज़ेखिम सुरक्षा सहित) के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य दर 3.8 की उपलब्धि के लिए एक प्रमुख प्रगति होगी।
  • मौजूदा अंतर को कम करना: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन एक समग्र, स्वैच्छिक स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है जो विभिन्न हितधारकों जैसे डॉक्टर, अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, फार्मेसियों, बीमा कंपनियों और नागरिकों के बीच मौजूदा अंतर को कम करके उन्हें एक साथ लाएगाऔर उन्हें एक एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में जोड़ेगा।
  • नागरिकों को सशक्त बनाना: नागरिकों को सही डॉक्टरों को खोजने, उनके साथ नियुक्ति करने, परामर्श शुल्क का भुगतान करने, लोगों के भीड़के बीच में पर्चे शीट के लिए अस्पतालों के कई चक्कर लगाने वाली व्यवस्था ख़त्म करके सभी भारत वासियों को सही जानकारी के माध्यम से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। विभिन्न स्रोत उन्हें सर्वोत्तम संभव स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने के लिए एक सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं।

चुनौतियां

  • हालाँकि, भारत में अभी भी डेटा संरक्षण पर एक कानून का अभाव है, डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और आधार के लिए नीति की संभावना आने वाले दिनों में गोपनीयता की चिंताओं को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

केंद्रीकृत स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रणाली के वैश्विक उदाहरण

  • 2005 में, यूनाइटेड किंगडम की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) ने एक इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम की व्यवस्था शुरू की, जिसमें 2010 तक सभी मरीजों को एक केंद्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड के साथ शामिल करने का लक्ष्य था।
  • जबकि कई अस्पतालों ने इस प्रक्रिया के एक प्रकार के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रोगी रिकॉर्ड सिस्टमको शुरु किया, वहां कोई राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल सूचना विनिमय नहीं था।
  • यूनाइटेड किंगडम के करदाता की लागत 12 बिलियन पाउंड से अधिक होने के बाद कार्यक्रम को अंततः समाप्त कर दिया गया। इसे सबसे महंगी हेल्थकेयर आईटी विफलताओं में से एक माना जाता है।
  • बदलते विनिर्देशों, तकनीकी चुनौतियों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ टकराव के चलते इस परियोजना का समय और लागत अत्यधिक हो गया था।