भारत में प्लास्टिक पार्क

  • 12 Apr 2025

11 अप्रैल 2025 को, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग ने प्लास्टिक पार्कों की स्थापना के लिए एक योजना लागू की है, जिसका उद्देश्य घरेलू प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग की क्षमताओं को सुदृढ़ करना और तालमेल बिठाना है। यह योजना निवेश, उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन में मदद करेगी।

प्रमुख तथ्य और आंकड़े :

  • योजना का उद्देश्य: प्लास्टिक पार्कों की स्थापना का उद्देश्य प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता, बहुलक अवशोषण क्षमता और मूल्यवर्धन को बढ़ाना है।
  • वित्तीय सहायता: भारत सरकार परियोजना लागत का 50% तक अनुदान प्रदान करती है, जो प्रति परियोजना 40 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन है।
  • स्वीकृत प्लास्टिक पार्क: अब तक विभिन्न राज्यों में 10 प्लास्टिक पार्कों को मंजूरी दी गई है। प्लास्टिक पार्कों का राज्यवार विवरण:
    • तमोट, मध्य प्रदेश (2013), जगतसिंहपुर, ओडिशा (2013), तिनसुकिया, असम (2014), बिलौआ, मध्य प्रदेश (2018),देवघर, झारखंड (2018), तिरुवल्लूर, तमिलनाडु (2019), सितारगंज, उत्तराखंड (2020), रायपुर, छत्तीसगढ़ (2021),गांजीमुत्त, कर्नाटक (2022) औरगोरखपुर, उत्तर प्रदेश (2022)
  • भारत का प्लास्टिक निर्यात: 2022 में, विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, प्लास्टिक के विश्व निर्यात में भारत 12वें स्थान पर है। 2014 में यह आंकड़ा 8.2 मिलियन हजार अमेरिकी डॉलर था, जो 2022 में बढ़कर 27 मिलियन हजार अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • केंद्र उत्कृष्टता : विभाग ने बहुलक और प्लास्टिक में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में 13 केंद्र उत्कृष्टता स्थापित किए हैं।