स्वदेशी रूप से विकसित एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम-1’
- 10 Oct 2020
डीआरडीओ ने 9 अक्टूबर, 2020 को स्वदेशी रूप से विकसित नई पीढ़ी के एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-1 का ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप पर रेडिएशन परीक्षण किया। इसका परीक्षण ‘सुखोई-30 एमकेआई’ लड़ाकू विमान से किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह मिसाइल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए विकसित की गई है।
- एंटी-रेडिएशन मिसाइल दुश्मन के रडारों, संचार साइटों और अन्य ‘रेडियो आवृत्ति (RF) उत्सर्जन लक्ष्य’ जैसे किसी भी विकिरण उत्सर्जक स्रोत का पता लगा सकती है और लक्षित कर सकती है।
- इसमें अंतिम हमले के लिए 'पैसिव होमिंग हेड' (passive homing head) के साथ आईएनएस-जीपीएस [Inertial Navigation System (INS)-Global Positioning System (GPS)] नेविगेशन है।
- 'पैसिव होमिंग हेड' एक ऐसी प्रणाली है, जो सुनियोजित रूप में आवृत्तियों के एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्यों (इस मामले में रेडियो आवृत्ति स्रोतों) का पता लगा सकती है, उन्हें वर्गीकृत कर सकती है और उलझा सकती है।
- रुद्रम -1 की की मारक क्षमता दागे जाने की ऊंचाई के आधार पर 100 किमी. से 200 किमी. तक है। मिसाइल की गति 0.6 से 2 मैक (ध्वनि की गति से दोगुनी) है।
- मिसाइल बड़ी गतिरोध सीमाओं से प्रभावी रूप से दुश्मन की वायु रक्षा के दमन के लिए वायु सेना के लिए एक शक्तिशाली हथियार है।
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