फेम इंडिया योजना दूसरा चरण
- 28 Sep 2020
( 26 September, 2020, , www.pib.gov.in )
केंद्र सरकार ने फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात एवं चंडीगढ़ राज्यों में 670 इलेक्ट्रिक बसों और मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, गुजरात एवं पोर्ट ब्लेयर में 241 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है।
उद्देश्य: देश में इलेक्ट्रिक/ हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत भारी उद्योग विभाग अप्रैल 2015 से फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल स्कीम यानी ‘फेम इंडिया योजना’ का संचालन कर रहा है।
- दूसरे चरण को 3 वर्ष की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है। इसे कुल 10,000 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ 1 अप्रैल, 2019 से प्रभावी किया गया है।
- इस चरण के तहत सार्वजनिक एवं साझा परिवहन के विद्युतीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- साथ ही लगभग 7,000 ई-बसों, 5 लाख ई-तिपहिया वाहनों, 55,000 ई -यात्री कारों और 10 लाख ई-दोपहिया वाहनों को सब्सिडी के जरिये समर्थन करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना का पहला चरण: इस योजना के पहले चरण में 31 मार्च, 2019 तक लगभग 2,80,987 हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को मांग प्रोत्साहन के माध्यम से लगभग 359 करोड़ रुपये की सहायता दी गई थी।
- बेंगलुरू, चंडीगढ़, जयपुर और दिल्ली एनसीआर जैसे शहरों में करीब 43 करोड़ रुपये की लागत से 520 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई थी।
सामयिक खबरें
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे