पूर्वोत्तर भारत क्षेत्रीय नीति का केंद्र : विदेश मंत्री
- 16 Apr 2025
15 अप्रैल 2025 को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आगामी नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए आयोजित राजदूतों की बैठक में कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की कई प्रमुख नीतियों—नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट और BIMSTEC—का केंद्र है और इसकी प्रासंगिकता समय के साथ बढ़ेगी।
प्रमुख तथ्य :
- नीतिगत महत्व: पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट', 'एक्ट ईस्ट' और BIMSTEC जैसी नीतियों के केंद्र में है।
- सीमावर्ती स्थिति: पूर्वोत्तर भारत की सीमा पांच पड़ोसी देशों से लगती है, जिससे यह भारतीय उपमहाद्वीप और आसियान के बीच सेतु का कार्य करता है।
- विदेशी राजदूतों का आह्वान: डॉ. जयशंकर ने विदेशी राजदूतों से क्षेत्र की विशेषताओं को अपनी सरकारों और उद्योगों तक पहुंचाने और निवेश के लिए संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया।
- महत्वपूर्ण परियोजनाएं: त्रिपक्षीय राजमार्ग (Trilateral Highway) और कालादान परियोजना (Kaladan Project) जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाओं का उल्लेख किया गया।
- हालिया पहल: भारत के तत्काल पड़ोसियों से जुड़ी कई हालिया पहलें इसी क्षेत्र से शुरू हुई हैं, जिससे इसकी रणनीतिक और आर्थिक भूमिका और बढ़ गई है।
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