नौसेना कमांडरों का सम्मेलन 2025
- 12 Apr 2025
11 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली में नौसेना कमांडरों का द्विवार्षिक सम्मेलन 2025 का पहला संस्करण संपन्न हुआ। इस सप्ताह भर चलने वाले शीर्ष-स्तरीय सम्मेलन को कर्नाटक के कारवार और नई दिल्ली में दो चरणों में आयोजित किया गया। इसमें कमांडरों ने समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया और भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की।
प्रमुख तथ्य :
- उद्घाटन सत्र: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारवार में सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, रक्षा सचिव, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और नौसेना कमांडरों ने भाग लिया।
- परियोजना सीबर्ड का शुभारंभ: कारवार में सम्मेलन के पहले चरण के दौरान, रक्षा मंत्री ने आईओएस सागर को हरी झंडी दिखाई और प्रोजेक्ट सीबर्ड के हिस्से के रूप में निर्मित नौ अत्याधुनिक समुद्री घाटों, आठ आवासीय भवनों और कई महत्वपूर्ण उपयोगिताओं का उद्घाटन किया।
- सम्मेलन का दूसरा चरण: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की अध्यक्षता में दूसरा चरण 7 अप्रैल को नई दिल्ली में नौसेना भवन में शुरू हुआ।
- प्रकाशन: इस अवसर पर भारतीय नौसेना की अंतरिक्ष दृष्टि, भारतीय नौसेना वायु प्रकाशन, भारतीय नौसेना परिचालन डेटा फ्रेमवर्क और दिग्गजों के लिए 'नेवी फॉर लाइफ एंड बियॉन्ड' नामक एक संग्रह जारी किया गया।
- अंतर-सेवा समन्वय: सम्मेलन में नौसेना कमांडरों ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ और चीफ ऑफ एयर स्टाफ के साथ बातचीत की, जिन्होंने मजबूत समन्वय और त्रि-सेवा तालमेल के माध्यम से विकसित हो रही सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तत्परता के स्तरों की रूपरेखा तैयार की।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे