भारत - यूके - ईयू व्यापार वार्ता आरंभ
- 25 Feb 2025
24 फरवरी, 2025 को, भारत ने चुनावों के कारण रुकी हुई यूके और ईयू के साथ व्यापार समझौतों के लिए बातचीत फिर से शुरू कर दी। यह ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ रहा है, खासकर अमेरिका के टैरिफ को लेकर।
मुख्य बिंदु :
- बातचीत की बहाली: भारत ने यूके और ईयू दोनों के साथ व्यापारिक बातचीत फिर से शुरू कर दी है। यूके के साथ बातचीत एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए), एक द्विपक्षीय निवेश संधि और एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर केंद्रित है। ईयू के साथ चर्चाओं में मंत्री स्तरीय बैठकें और एक व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद शामिल होगी।
- रणनीतिक महत्व: यूके के साथ समझौता भारत का किसी पश्चिमी देश के साथ पहला पूर्ण व्यापार समझौता है, जो ईयू सहित भविष्य के समझौतों के लिए एक संभावित मॉडल के रूप में काम कर रहा है। ईयू एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है, और बातचीत का उद्देश्य कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) जैसे मुद्दों को संबोधित करना है।
- मुख्य मुद्दे: यूके के साथ बातचीत में वस्तुओं और सेवाओं के लिए बाजार पहुंच, साथ ही ब्रिटेन में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए लागत कम करने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा समझौता शामिल है। टैरिफ एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, भारत का कहना है कि उसके टैरिफ गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं से सुरक्षा के लिए हैं।
- वैश्विक संदर्भ: ये व्यापार वार्ताएं वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के बीच होती हैं, जिसमें अमेरिकी टैरिफ की धमकी भी शामिल है। यूके और ईयू दोनों के साथ भारत की भागीदारी व्यापारिक साझेदारियों में विविधता लाने के लिए उसके रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
- व्यापार आंकड़े: 2022-23 में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार 20.36 अरब डॉलर तक पहुंच गया। 2022-23 में यूके से भारत का आयात 8.96 अरब डॉलर था, और यूके को निर्यात 11.41 अरब डॉलर था। यूके और ईयू दोनों के साथ बातचीत का उद्देश्य व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ाना है।
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