विदेशी नागरिकों के अपराधिक मामलों पर शख्त निर्देश
- 07 Jan 2025
6 जनवरी 2025 को, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि जिन विदेशी नागरिकों की उपस्थिति भारत में आपराधिक आरोपों का सामना करने के लिए आवश्यक है, उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
मुख्य तथ्य :
- निर्णय का संदर्भ: यह आदेश एक नाइजीरियाई नागरिक के मामले में दिया गया था, जो एक नशीली दवाओं के मामले में शामिल था।
- बेल की शर्तें: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब किसी विदेशी को बेल दी जाए, तो संबंधित अधिकारियों को तुरंत इस आदेश की सूचना दी जानी चाहिए।
- विदेशियों का पंजीकरण: 1948 के आदेश के तहत, कोई भी विदेशी नागरिक बिना संबंधित नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के भारत नहीं छोड़ सकता।
- संविधान के अनुच्छेद 21: अदालत ने कहा कि निरंतर निगरानी की शर्तें निजता के अधिकार का उल्लंघन करती हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षित है।
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