स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर, 2021 ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (Swachh Bharat Mission-Urban) के दूसरे चरण की शुरुआत की।
- ‘आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय’ (Ministry of Housing and Urban Affairs) इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय है।
- स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 की घोषणा बजट 2021-22 में हुई थी तथा इसे पहले चरण की निरंतरता में ही लागू किया जा रहा है।
- मिशन के दूसरे चरण की घोषणा 2021 के केंद्रीय बजट में 5 वर्ष (2021-26) की अवधि के लिए की गई है। मिशन का दूसरा चरण ‘मल कीचड़ और अपशिष्ट जल प्रबंधन’ (Faecal Sludge and Waste water Management) सहित स्थायी स्वच्छता के पहलुओं पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करेगा।
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक’ (Single Use Plastics) के उपयोग पर अंकुश लगाने तथा ‘निर्माण संबंधी कचरे के प्रभावी प्रबंधन’ (Effective Management of Construction Wastes) तथा वायु प्रदूषण को कम करने तथा ‘पुराने डंपसाइटों’ (Old Dumpsites) के उपचार के माध्यम से मिट्टी के प्रदूषण को कम करने पर केंद्रित होगा।
मिशन के उद्देश्य
- खुले में शौच का उन्मूलन।
- ‘हाथ से मैला ढोने’ (Manual Scavenging) की प्रथा की समाप्ति।
- नगरपालिका स्तर पर आधुनिक एवं वैज्ञानिक ढंग से ‘ठोस अपशिष्ट प्रबंधन’ (Solid Waste Management) की व्यवस्था करना।
- स्वच्छता का ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ (Public Health) के संदर्भ में महत्व पर जागरूकता फैलाना।
- ‘शहरी स्थानीय निकायों’ (ULB’s) की क्षमता में वृद्धि।
- पूंजीगत व्यय तथा मिशन से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के संचालन तथा रखरखाव में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए सक्षम वातावरण का निर्माण करना।
मिशन के घटक
- ‘घरेलू शौचालयों’ (Household Toiltes) का निर्माण करना तथा खराब शौचालयों की मरम्मत करना।
- ‘सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालयों’ (Community and Public Toilets) का निर्माण करना।
- शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना।
- योजना के कार्यान्वयन के लिए क्षमता निर्माण तथा प्रशासनिक ढांचे का निर्माण करना।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)
|
स्वच्छ भारत मिशन : मूल्यांकन
- 2021 के ‘स्वच्छता सर्वेक्षण’ (Swachhta Survey) के अनुसार, 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) ने स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन दोनों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
- 4360 ‘शहरी स्थानीय निकायों’ (ULB’s) को ओडीएफ, 2158 शहरों को ओडीएफ+ तथा 551 शहरों को ओडीएफ++ प्रमाणित घोषित किया गया है। इसके अलावा, 66 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और 6 लाख से अधिक सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।
- शौचालयों के निर्माण के संदर्भ में, सबसे अधिक शौचालयों का निर्माण महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में किया गया। लगभग 50% शौचालयों का निर्माण इन पांच राज्यों में हुआ है।