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अमृत 2.0
- 02 Nov 2021
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अक्टूबर, 2021 को 'नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन' - अमृत 2.0 (AMRUT 2.0) को 2025-26 तक के लिए मंजूरी दे दी।
(Image Source: @Secretary_MoHUA twitter)
उद्देश्य: पानी की सर्कुलर इकोनॉमी के जरिए शहरों को 'जल सुरक्षित' एवं ‘आत्मनिर्भर’बनाना।
महत्वपूर्ण तथ्य: अमृत 2.0 में सभी 4,378 वैधानिक शहरों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके पानी की आपूर्ति के सार्वभौमि क कवरेज का लक्ष्य रखा गया है।
- 500 अमृत शहरों में घरेलू सीवरेज/सेप्टेज प्रबंधन का 100 प्रतिशत कवरेज इसका एक और उद्देश्य है।
- मिशन का लक्ष्य 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करना है।
- अमृत 2.0 के लिए कुल सांकेतिक परिव्यय 2,77,000 करोड़ रुपये है, जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए 76,760 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है।
- एक मजबूत प्रौद्योगिकी आधारित पोर्टल पर मिशन की निगरानी की जाएगी। परियोजनाओं की ‘जियो टैगिंग’ की जाएगी।
- शहर जल संतुलन योजना के माध्यम से अपने जल स्रोतों, खपत, भविष्य की आवश्यकता और पानी के नुकसान का आकलन करेंगे। इसके आधार पर शहर की जल कार्य योजना तैयार की जाएगी, जिसे राज्य जल कार्य योजना के रूप में पेश किया जाएगा और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी जाएगी।
जीके फैक्ट: अमृत देश का पहला केंद्रित राष्ट्रीय जल मिशन है, जिसे जून 2015 में 500 शहरों में नागरिकों को नल कनेक्शन और सीवर कनेक्शन प्रदान करके जीवन में सुगमता लाने के लिए शुरू किया गया था।
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