सतत कृषि: लाभ और प्रबंधन युक्तियां

सतत कृषि के अंतर्गत फसल चक्र, जैविक खाद का उपयोग और मिट्टी की नमी को बनाए रखने के उपायों से मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाया जाता है।

सतत कृषि के लाभ और प्रबंधन

मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता का संरक्षण

  • फसल चक्रीकरण (Crop Rotation): विभिन्न फसलों को बदल-बदल कर उगाने से मृदा की उर्वरता बनी रहती है और कीटों व रोगों का प्रकोप कम होता है।
  • हरित खाद (Green Manure): जैविक खाद और कम्पोस्ट का उपयोग करके मृदा की गुणवत्ता और पोषण तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है।
  • संरक्षित कृषि (Conservation Tillage): मृदा अपरदन को रोकने के लिए न्यूनतम जुताई ....

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