भारत-लीगो (LIGO) परियोजनाः महत्व और चुनौतियां
LIGO या लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव वेधशाला दुनिया की सबसे बड़ी गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशाला है। पहले दो LIGO का निर्माण 1990 के दशक में देश के राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के वित्त पोषण एवं समर्थन से संयुक्त राज्य अमेरिका (हैनफोर्ड और लिविंगस्टन) में किया गया था। हाल ही में भारत सरकर के कैबिनेट मंत्रालय ने महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में LIGO की स्थापना को हरी झंडी प्रदान की।
LIGO-भारत परियोजना
- यह 2,600 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय LIGO नेटवर्क का 5वां नोड (छवकम) बनेगा। 2030 तक इसका परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।
- इस परियोजना में कई विभागों एवं अनुसंधान संस्थानों को ....
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