मेटावर्स तथा इसके नैतिक आयाम

साइंस फिक्शन के लेखक नील स्टीफेंसन को 'मेटावर्स' शब्द की उत्पत्ति का जनक माना जाता है जिन्होंने वर्ष 1992 में पहली बार इसका प्रयोग किया था। एक विचार के रूप में इसका प्रचलन लंबे समय से वीडियो गेम आधारित कंपनियों के मध्य रहा है। मेटावर्स को सामान्य रूप से एक 'सिम्युलेटेड डिजिटल वातावरण' (Simulated Digital Environment) के रूप में समझा जा सकता है। इसके अंतर्गत एक वास्तविक दुनिया की नकल करते हुए इंटरनेट तथा सोशल मीडिया से प्राप्त आयामों को संवर्द्धित वास्तविकता (Augmented Reality), आभासी वास्तविकता (Virtual Reality) और ब्लॉकचेन तकनीकी (Block-chain Technology) का उपयोग करके एकीकृत किया जाता है। ....

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