जैव आतंकवाद : चुनौती एवं उपाय

किसी राज्य या समाज के लोगों को नुकसान पहुंचाने (harm) और डराने (frighten) के उद्देश्य से जैविक एजेंटों (biological agents) का उपयोग जैव आतंकवाद का एक रूप है।

  • जैव आतंकवाद के वाहक के रूप में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, फंगस का प्रयोग किया जाता हैं। एंथ्रेक्स, प्लेग, बोटूलिज्म, टूलेरीमिया, ग्लैन्डर, जैसे खतरनाक जीव इसमें शामिल हैं।
  • वर्तमान में विभिन्न देश विषाणुओं, जीवाणुओं तथा विषैले जैविक तत्वों को परिष्कृत अथवा परिवर्धित कर रहे हैं जो युद्ध के समय किसी राष्ट्र के विरूद्ध प्रयोग किया जा सकता है|

चुनौती

  • पता लगाने में कठिनाई: जैविक एजेंटों से किए गए हमले का पता लगाना ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री