ब्लू इकोनोमी : भारत के लिए महत्व तथा बढ़ावा देने के प्रयास
'ब्लू इकोनॉमी' की अवधारणा को गुंटर पाउली ने अपनी 2010 की पुस्तक- "द ब्लू इकोनॉमी: 10 इयर्स, 100 इनोवेशन, 100 मिलियन जॉब्स" में पेश किया था।
- 2012 के रियो शिखर सम्मेलन के दौरान ‘ब्लू इकोनॉमी’ का महत्व छोटे विकासशील द्वीपीय राज्यों (SIDS) और अन्य तटीय देशों के लिए बढ़ गया।
- ब्लू इकोनॉमी का लक्ष्य व्यवसाय से आगे बढ़कर आर्थिक विकास और महासागरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावों का विचार करना है।
- यह आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश, और आजीविका के संरक्षण या सुधार को बढ़ावा देने के साथ ही साथ महासागरों और तटीय क्षेत्रों की पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करता है।
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