कानूनों की समीक्षा करना विधि के शासन का अभिन्न अंग
30 जुलाई, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ द्वारा 'महाराष्ट्र स्लम क्षेत्र (सुधार, निकासी एवं पुनर्विकास) अधिनियम, 1971' की व्यापक वैधानिक ऑडिट करने का सुझाव दिया गया।
- यह निर्देश अधिनियम के कार्यान्वयन में कई प्रणालीगत मुद्दों के जवाब में आया, जिसमें झुग्गी क्षेत्रों के रूप में भूमि की पहचान की समस्याग्रस्त प्रक्रियाएं, विस्थापित झुग्गी निवासियों के लिए आवास का प्रावधान आदि शामिल हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय ने कानूनों के प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने में कार्यपालिका और संवैधानिक न्यायालयों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी कानून के कार्यान्वयन की समीक्षा और मूल्यांकन करना विधि के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकरणों को मजबूत करने पर बल दिया
- 2 CAG की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस
- 3 महाराष्ट्र में दया याचिकाओं हेतु समर्पित एक सेल की स्थापना
- 4 CDS द्वारा व्यापक काउंटर-UAS सिस्टम की आवश्यकता पर जोर
- 5 मणिपुर, अरुणाचल तथा नगालैंड में अफस्पा की अवधि में वृद्धि
- 6 नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: असहमति के अधिकार का सम्मान
- 7 दिल्ली HC के न्यायाधीश के आचरण की जांच हेतु 3 सदस्यीय समिति
- 8 एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत
- 9 सरकार का कर्मचारियों हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्देश
- 10 भारत के राज्य प्रतीक के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश

- 1 23वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी
- 2 गृह मंत्री के ख़िलाफ़ राज्य सभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
- 3 लद्दाख में नए जिलों की घोषणा
- 4 भ्रामक विज्ञापन से जुड़े नियम को हटाने वाली अधिसूचना पर रोक
- 5 प्रथमदृष्टया अपराध सिद्ध न होने तक अग्रिम जमानत पर रोक नहीं
- 6 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का 'पूर्वव्यापी लाभ' बरकरार
- 7 'जमानत नियम है जबकि जेल अपवाद है': सुप्रीम कोर्ट
- 8 NCAHP अधिनियम, 2021 को लागू करने के निर्देश
- 9 परिसीमन आयोग के आदेश न्यायिक समीक्षा से मुक्त नहीं
- 10 मार्च 2026 से पूर्व वामपंथी उग्रवाद को पूर्णतः खत्म करने का लक्ष्य