स्थानीय स्वशासन

भारत में स्थानीय स्वशासन का प्रारंभ लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। इनके द्वारा जमीनी स्तर पर कार्य किया जाता है तथा नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की जाती है। इन संस्थानों के द्वारा समाज के निचले स्तर पर कार्य किया जाता है।

  • इनसे संबद्ध संस्थान, राज्य सरकार तथा स्थानीय निवासियों के मध्य संवाद के माध्यम का भी कार्य करता है। भारत में स्थानीय स्वशासन की दो प्रणालियां प्रचलित हैं, जो निम्नलिखित हैं:
  • (1)ग्रामीण स्थानीय स्वशासन,
  • (2)शहरी स्थानीय स्वशासन।

1. ग्रामीण स्थानीय स्वशासन

  • संविधान निर्माण के पश्चात स्थानीय सरकार के विषय को ....
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