भारत में भक्ति एवं सूफी आंदोलन: स्वरूप एवं व्यक्तित्व

भक्ति एवं सूफी आंदोलन मध्यकालीन भारत के दो महत्वपूर्ण धार्मिक आंदोलन थे। जहां हिंदू धर्म में भक्ति का अर्थ, ईश्वर के प्रति प्रेम है, वहीं सूफीवाद इस्लाम का रहस्यवादी परंपरा है, जिसमें ईश्वर की आंतरिक खोज एवं परमात्मा के साथ मिलन पर बल दिया जाता है।

भक्ति आन्दोलन

एक धार्मिक सुधार आंदोलन था, जिसमें ईश्वर के प्रति एकनिष्ठ भक्ति पर बल दिया जाता था।

  • यह इस सिद्धांत पर आधारित था कि ईश्वर एवं मनुष्य का संबंध किसी धार्मिक अनुष्ठान के स्थान पर प्रेम तथा समर्पण पर आधारित होता है।
  • इसकी शुरुआत दक्षिण भारत में नयनार (शैव) तथा अलवार (वैष्णव) संतों द्वारा की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष