अमान्य विवाह से जन्मे बच्चों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि ‘शून्य/अमान्य विवाह (Void/Voidable Marriages) से पैदा हुए बच्चों का माता-पिता की पैतृक संपत्ति पर अधिकार है।’
- शून्य विवाह एक ऐसा विवाह होता है, जो शुरू में वैध होता है, किंतु यदि कोई पक्ष इसे रद्द करना चाहे तो वह इसमें व्याप्त कुछ दोष अथवा शर्तों के तहत इसे रद्द कर सकता/सकती है। इसी प्रकार, अमान्य विवाह ऐसा विवाह है, जिसे शुरू से ही अमान्य माना जाता है, जैसे कि यह कानून की नजर में कभी अस्तित्व में ही नहीं था।
- शून्य विवाह में विवाह को ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 महिला सशक्तीकरण में एआई की भूमिका
- 2 भारत में गरीबी मापन ढांचे में संशोधन की आवश्यकता
- 3 भारत में बाल मृत्यु दर में कमी: एक अनुकरणीय उपलब्धि
- 4 स्वावलंबिनी-महिला उद्यमिता कार्यक्रम
- 5 भारत में पारिवारिक मूल्यों का क्षरण एक गंभीर चिंता: सर्वोच्च न्यायालय
- 6 छात्र आत्महत्याओं पर रोक के लिए टास्क फोर्स का गठन
- 7 श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा कवरेज हेतु समितियों का गठन
- 8 विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु यूनेस्को का अभियान
- 9 भारत और आईएलओ महानिदेशक के बीच द्विपक्षीय बैठक
- 10 वृद्धावस्था स्वास्थ्य सेवा और नशामुक्ति हेतु साझेदारी

- 1 दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा आरंभ की गई पहलें
- 2 जनजातियों की जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण प्रोफाइल
- 3 आयुष्मान भारत अभियान तथा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- 4 ट्रैकिंग यूनिवर्सल हेल्थ कवरेजः 2023 ग्लोबल मॉनिटरिंग रिपोर्ट
- 5 मनरेगा तथा सामाजिक लेखा-परीक्षा इकाइयों की स्थिति
- 6 अर्बनशिफ्ट एशिया फ़ोरम
- 7 भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय समावेशन सूचकांक में सुधार