नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: असहमति के अधिकार का सम्मान
28 मार्च, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के महत्व को पुनःरेखांकित करते हुए लोक अधिकारियों को यह स्पष्ट किया कि प्रशासन का दायित्व केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना ही नहीं, बल्कि उन व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना भी है, जो अपनी राय व्यक्त करने के लिए अलोकप्रिय या विवादास्पद विचार रखते हैं।
- वाद का शीर्षक: इमरान प्रतापगढ़ी बनाम गुजरात राज्य।
- सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय राज्य सभा सांसद इमरान प्रतापगढ़़ी के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) के मामले में 17 जनवरी, 2025 को दिये गए गुजरात उच्च न्यायालय ....
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