कट्टुनायकन जनजाति

  • हाल ही में 95वें अकादमी पुरस्कारों के अंतर्गत भारतीय वृत्तचित्र 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' ने सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र लघु फिल्म का पुरस्कार जीता। यह डाक्यूमेंट्री दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में रहने वाले जनजातीय समुदाय 'कट्टुनायकन' (Kattunayakan) के जीवन की झलक प्रस्तुत करती है।
  • कट्टुनायकन समुदाय पूरी तरह से वन और वन उत्पादों पर निर्भर है। वे जानवरों, पक्षियों, पेड़ों, चट्टानों, सांपों तथा लगभग हर प्राकृतिक चीज की पूजा करते हैं। ये अपने पूर्वजों की भी पूजा करते हैं।
  • कट्टुनायकन समुदाय वर्तमान में केरल के वायनाड, कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में पाया जाता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

करेंट अफेयर्स न्यूज़