सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भारत का प्रदर्शन: चुनौतियां एवं भावी कार्यनीति का रोडमैप - नवीन चंदन

सतत विकास लक्ष्य, पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन स्थापित करने पर जोर देते हैं, ताकि वर्तमान पीढ़ियों की आवश्यकता पूर्ति के साथ ही भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। ये आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की स्थापना करने में भी सहायक हैं। भारत द्वारा वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न पहलें आरंभ की गई हैं तथा देश इन पहलों को उचित तरीके से लागू करने पर लगातार जोर दे रहा है।

हाल ही में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर ‘द लैसेंट’ (The Lancet) नामक जर्नल में प्रकाशित एक ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री