प्रत्‍यक्ष कर

वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखने का प्रस्ताव किया, 7 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं पर कोई कर देनदारी नहीं है।

  • पिछले 10 वर्षों में कर संग्रह तीन गुना से अधिक हो गया है। रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 2.4 गुना हो गई।
  • रिटर्न का औसत प्रसंस्करण समय 2013-14 में 93 दिनों से घटकर 2023-24 में 10 दिन हो गया।
  • खुदरा व्यवसायों के लिए अनुमानित कराधान की सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी गई।
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