'वैध समारोह के अभाव' में किसी हिंदू विवाह को मान्यता नहीं

  • हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में कहा कि 'वैध समारोह के अभाव' में किसी हिंदू विवाह को ‘हिंदू विवाह अधिनियम’ के तहत मान्यता नहीं दी जा सकती।
  • जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हिंदू विवाह एक पवित्र संस्कार है, जिसे भारतीय समाज में महान मूल्य की संस्था के रूप में दर्जा दिया जाना चाहिए। इस फैसले के माध्यम से, सर्वोच्च न्यायालय ने 'संस्कार' की प्रथा को मान्यता दी ....
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