मधुबनी चित्रकला का संक्षिप्त परिचय देते हुए, इसकी शैलीगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: बिहार की कला एवं संस्कृति में मधुबनी चित्रकला का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यह कला सदियों से चली आ रही है। इस चित्रकला का प्रथम साक्ष्य विद्यापति की कीर्ति पताका से प्राप्त होता है।

  • वर्तमान में मधुबनी चित्रकला काफी प्रसिद्ध हो चुकी है तथा इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिली है। मधुबनी चित्रकला तीन प्रकार की होती है-
    • भित्तिचित्र
    • अरीपन
    • पट्टचित्र

भित्तिचित्र

  • भित्तिचित्र के दो रूप देखे जाते है, प्रथम गोसनी के घर की सजावट तथा दूसरी कोहबर घर की सजावट। गोसनी के घर की सजावट ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष