सांसदों एवं विधायकों पर आपराधिाक मुकदमा
9 नवंबर, 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने संसद और विधान सभाओं के सदस्यों के आपराधिक मुकदमों पर निरंतर निगरानी बनाए रखने तथा मामलों की अंतिम निर्णय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को अपने-अपने उच्च न्यायालयों में एक विशेष पीठ के गठन की जिम्मेदारी दी है।
- उच्चतम न्यायालय के अनुसार, उच्च न्यायालय मुकदमों की निगरानी की भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त हैं, क्योंकि उनके पास पहले से ही संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत अपने संबंधित जिला न्यायपालिका पर अधीक्षण की शक्ति प्राप्त है।
- उच्च न्यायालयों को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर एक स्वतंत्र टैब रखना ....
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- 2 राष्ट्रीय फ़ार्मेसी आयोग विधेयक, 2023 का मसौदा
- 3 फ़ास्ट ट्रैक विशेष अदालत योजना का विस्तार
- 4 चुनावी बांड योजना की वैधाता
- 5 राज्यपाल विधेयकों को अनिश्चितकाल तक नहीं रोक सकते: न्यायालय
- 6 पत्रकारों की डिजिटल गोपनीयता की रक्षा
- 7 16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ-शर्तों को मंजूरी
- 8 मैतेई चरमपंथी संगठनों के विरुद्ध यूएपीए के तहत प्रतिबंध
- 9 गलत सूचना एवं डीफेक की पहचान हेतु परामर्श जारी