वन हेल्थ दृष्टिकोणः भारतीय पहलें

वन हेल्थ दृष्टिकोण मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य तथा पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच परस्पर समन्वय पर जोर देता है। पशुजन्य रोगों और अन्य संक्रामक रोगों के नियंत्रण में वन हेल्थ दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पशुजन्य रोगों को प्रभावी ढंग से रोकने में ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
  • इस दृष्टिकोण का उद्देश्य मनुष्यों, जानवरों तथा उनके परिवेश के बीच संपर्क से उत्पन्न होने वाले जोखिमों की समझ विकसित करना और बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य के माध्यम से संक्रमण की रोकथाम करना है।
  • इस प्रकार समन्वित दृष्टिकोण अपनाने से अलग-अलग कार्यक्रमों, नीतियों और अनुसंधान के कार्यान्वयन में एकरूपता लाई जा सकती है।

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष