प्रवाल विरंजन: कारण एवं प्रभाव

प्रवाल विरंजन एक ऐसी घटना है, जिसमें जूजेथेली नामक सहजीवी शैवाल के निष्कासन के कारण प्रवाल अपना जीवंत रंग खो देते हैं। ये शैवाल प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्रवालों को पोषक तत्व प्रदान करते हैं तथा उन्हें उनका विशिष्ट रंग प्रदान करते हैं।

  • प्रवाल, कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं, जो समूह में रहते हैं।
  • चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट) से निर्मित इसका निचला हिस्सा काफी कठोर होता है।
  • प्रवाल भित्तियां या मूंगे की चट्टानें समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं।
  • यह प्रायः उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों में मिलती हैं, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
प्रारंभिक विशेष