रक्षा आत्मनिर्भरता: स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की भूमिका
रक्षा आत्मनिर्भरता का अर्थ है कि एक देश अपनी रक्षा जरूरतों को खुद पूरा करने में सक्षम हो, जिससे वह बाहरी निर्भरता से मुक्त हो सके।
- यह न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक लाभ भी प्रदान करता है।
- भारत सरकार द्वारा रक्षा आत्मनिर्भरता (Defence Self-Reliance) को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की भूमिका
- रक्षा उपकरण और हथियार प्रणाली: भारत अपनी आवश्यकताओं के अनुसारहथियार प्रणालियों और रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहा है।
- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कई स्वदेशी ....
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- 17 स्टेम सेल-आधारित पुनर्योजी चिकित्सा: प्रौद्योगिकियां एवं संभावनाएं
- 18 जीनोम इंडिया परियोजना: वर्तमान स्थिति एवं महत्व
- 19 कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग
- 20 बायोइन्फॉर्मेटिक्स और इसके अनुप्रयोग
- 21 ब्रेन कंप्यूटर इंटरफ़ेस (BCI) और इसके नैदानिक अनुप्रयोग
- 22 रोगाणुरोधी प्रतिरोध : चुनौतियां और रोकथाम के उपाय
- 23 दुर्लभ बीमारियां : चुनौतियां एवं भारत की कार्यवाही
- 24 जेनेरिक दवाएं: संबंधित मुद्दे और चिंताएं