यूपीआई: भारत के फि़नटेक इनोवेशन की महत्वपूर्ण कड़ी
UPI आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली को आधार बनाकर बनाया गया है। बिना डेबिट कार्ड वाले उपयोगकर्ता अपने आधार से जुड़े बैंक खातों से वास्तविक समय में धन हस्तांतरित करने के लिए ईमेल पते के समान एक यूपीआई पते का उपयोग कर सकते हैं। पिछले दशक में, सरकार ने भुगतान, ई-हस्ताक्षर और स्वास्थ्य ऐप्स जैसी कई डिजिटल सेवाओं के लिए आधार का उपयोग बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में किया है।
- कोविड-19 महामारी ने देश भर में डिजिटल भुगतान को अपनाने की गति को प्रेरित किया है। महामारी की पहली दो लहरों में यूपीआई को चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 शहरी सहकारी बैंकः महत्व और चुनौतियां
- 2 वि-वैश्वीकरण और भारतः कारक और प्रभाव
- 3 महत्वपूर्ण खनिज: भारत के लिए महत्व एवं चुनौतियां
- 4 भारतीय डिस्कॉमः चुनौतियां और सुझाव
- 5 भारतीय जहाजरानी उद्योग
- 6 भारत में बीमा क्षेत्रः चुनौतियां एवं अवसर
- 7 भारत में नवाचार: चुनौतियां एवं अवसर
- 8 भारत में व्यापक स्तर पर दवा का निर्माण
- 9 भारत में तम्बाकू की कृषि
- 10 भारत में खाद्य भण्डारण की चुनौतियां
मुख्य विशेष
- 1 भारत में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा
- 2 भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र
- 3 भारत में भूमि मुद्रीकरण: आवश्यकता एवं चुनौतियां
- 4 ओपन नेटवर्क फ़ॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC)
- 5 देश में बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास
- 6 डिजिटल कनेक्टिविटी अवसंरचना
- 7 भारत में डिजिटल भुगतान परिदृश्य
- 8 मोटे अनाज को प्रोत्साहन
- 9 मेथनॉल अर्थव्यवस्था
- 10 जलवायु प्रत्यास्थ कृषि
- 11 भारत में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिक तंत्र
- 12 भारत की जैव अर्थव्यवस्था