भारत की जैव अर्थव्यवस्था

भारत में जैव अर्थव्यवस्था (Bio-Economy) के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। इंडिया बायो-इकोनॉमी रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत की जैव-अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2025 में 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने की संभावना है।

  • वर्ष 2021 में भारत की जैव अर्थव्यवस्था का मौद्रिक मूल्य80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था, जिसके वर्ष 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

जैव अर्थव्यवस्था क्या है?

  • जैव-अर्थव्यवस्था से तात्पर्य भोजन, ऊर्जा, उत्पादों और सेवाओं के लिए अक्षय जैविक संसाधनों (Renewable Biological Resources) के सतत उपयोग से है। जैव-आधारित अर्थव्यवस्था में जैविक कचरे और अवशिष्ट पदार्थों के दोहन पर विशेष बल ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री