जलवायु प्रत्यास्थ कृषि

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के लगभग 310 जिले ‘हाई रिस्क जोन’ में आते हैं। इससे सर्वाधिक प्रभावित होने वाला क्षेत्र कृषि है।

  • एक अनुमान के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक औसत उपज में 3% से 10% तक की गिरावट आ सकती है। ऐसे में जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए जलवायु प्रत्यास्थ कृषि पद्धतियों (Climate Resilient Farming Practices) को अपनाना होगा।

जलवायु प्रत्यास्थ कृषि: आवश्यकता

  • जलवायु प्रत्यास्थ कृषि को जलवायु अनुकूल कृषि के रूप में समझा जा सकता है; अर्थात ऐसी कृषि जो परिवर्तनशील जलवायु के अनुसार स्वयं ....
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