वर्षा जल संचयन की संभावनाएं

भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में वर्षा न केवल कृषि के लिए जीवनदायी है बल्कि सभी आर्थिक क्षेत्रें में प्रगति का आधार भी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान जून से सितंबर के दौरान देश को कुल वार्षिक वर्षा का लगभग 85 प्रतिशत प्राप्त होता है।

  • कृषि व अन्य कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता ने वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बना दिया है। आधुनिक परिवेश में पानी के लिए निरंतर बढ़ते संघर्ष के कारण वर्षा जल संचयन एक बार पुनः सरकार व समुदाय की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है।

वर्षा जल संचयन क्या है?

  • वर्षा जल संचयन एक सीधी-सरल विधि है ....
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