वनीकरण एवं जल संवर्धन
वनों का वर्षा एवं जल संवर्धन में काफी महत्वपूर्ण स्थान है। एक अध्ययन के अनुसार, कुल वर्षा का 40 प्रतिशत अनुपात पौधों की पत्तियों से होने वाले वाष्पोत्सर्जन से संपन्न होता है। वनाच्छादित क्षेत्र वायुमंडलीय जलवाष्प में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं जिससे पृथ्वी के हाइड्रोलॉजिकल चक्र गति आती है।
भारत में वन
- भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार, देश का कुल वन और वृक्ष आच्छादन 80-9 मिलियन हेक्टेयर है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24-62 प्रतिशत है। 2019 के आकलन की तुलना में देश के कुल वन और वृक्षावरण में 2,261 वर्ग किमी- की वृद्धि हुई ....
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संबंधित सामग्री
- 1 भारतीय वन रिपोर्ट से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु
- 2 भारतीय पृथ्वी अवलोकन कार्यक्रम
- 3 प्रवास यात्रा : पक्षियों का एक अद्भुत व्यवहार
- 4 जलवायु परिवर्तन का सौर नमक उत्पादन पर दुष्प्रभाव
- 5 सुपरसोनिक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान तेजस पर बढ़ रहा है दुनिया का भरोसा
- 6 डायटम: जलीय पारितंत्र के सूक्ष्म पॉवरहाउस
- 7 वर्ष 2024 : नई सफलताओं की ओर बढ़ता भारतीय विज्ञान
- 8 जलवायु शिखर सम्मेलन 2024
- 9 सूखा और बाढ़ प्रबंधन के लिए उपग्रह-आधारित प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली
- 10 मछुआरों के लिए इसरो के उपयोगी मोबाइल ऐप
पत्रिका सार
- 1 समग्र स्वास्थ्य एवं आरोग्य जीवन का विज्ञान: आयुष
- 2 वैश्विक कल्याण का साधन: योग
- 3 प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT): महत्व एवं नवीनतम पहल
- 4 सुरक्षित, विश्वसनीय एवं जवाबदेह इंटरनेट
- 5 स्वच्छ जल एवं स्वच्छता का लक्ष्य
- 6 सामुदायिक भागीदारी से जल संरक्षण
- 7 वर्षा जल संचयन की संभावनाएं
- 8 जलवायु परिवर्तन तथा बर्फ का पिघलना
- 9 पर्यावरण के हितैषी पक्षी: रैप्टर