वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से व्युत्पन्न नैतिक मुद्दे
राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी परिवर्तनों ने वैश्विक समुदाय के समक्ष नवीन चुनौतियां प्रस्तुत की हैं। संयुक्त राष्ट्र (United Nations - UN) द्वारा वर्तमान विश्व की चुनौतियों को सतत विकास लक्ष्यों के माध्यम से 17 बिन्दुओं में चिह्नित किया गया।
- वर्तमान वैश्विक चुनौतियों में गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ, जलवायु परिवर्तन से उपजी चुनौतियां, निर्धनता और असमानता, बुनियादी समस्याएं, भू-राजनैतिक तनाव, लैंगिक असमानता, परमाणु हथियार, अपशिष्ट निपटान, प्रदूषण आदि शामिल हैं।
वैश्विक चुनौतियों से व्युत्पन्न नैतिक मुद्दे
- जलवायु परिवर्तन से उपजी चुनौतियां: विश्व के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक जलवायु परिवर्तन एवं इससे उपजी चुनौतियां हैं। वर्तमान जलवायु परिवर्तन के स्तर ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 गांधीवादी नैतिकता एवं इसकी प्रासंगिकता
- 2 सुशासन में पारदर्शिता का महत्व
- 3 लोक सेवा में सत्यनिष्ठा की भूमिका
- 4 सिविल सेवा में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका
- 5 सहभागी, समावेशी एवं धारणीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस: महत्व एवं मुद्दे
- 6 भगवान महावीर की शिक्षाएं: वर्तमान में प्रासंगिकता
- 7 लोक सेवा में मूल्य एवं इसका महत्व
- 8 मानव जीन एडिटिंग: नैतिक मुद्दे एवं समाधान
- 9 वर्तमान परिदृश्य में व्यावसायिक नैतिकता
- 10 पारंपरिक मूल्यों को परिवर्तित करने में सोशल मीडिया की भूमिका