मिशन गगनयान
भारत का सामरिक साझेदार रूस, भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में संयुत्तफ़ सहयोग के अलावा गगनयान परियोजना के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेगा।
- 11 जुलाई, 2019 को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल तथा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉस्कोस्मॉस (Roscosmos) के महानिदेशक दिमित्री रोगोजिन के मध्य वार्ता के दौरान इस पर सहमति बनी।
- इसके पूर्व 27 जून, 2019 को इसरो ने ‘गगनयान’ मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के चयन, चिकित्सा परीक्षण तथा अंतरिक्ष प्रशिक्षण हेतु सहयोग के लिए रूसी कंपनी- ग्लावकॉसमोस (Glavkosmos) के साथ एक अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए।
मिशन गगनयान क्या है?
- यह भारत का पहला मानव युत्तफ़ अंतरिक्ष कार्यक्रम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 राष्ट्रीय नदी यातायात एवं नौवहन प्रणाली का शुभारंभ
- 2 भारतीय AI मॉडल
- 3 विश्व का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन इंजन
- 4 भारत की पहली रोबोटिक टेलीसर्जरी
- 5 बिग डेटा पर संयुक्त राष्ट्र समिति
- 6 एक्सिओम-4 मिशन
- 7 स्वदेशी माइक्रो-मिसाइल प्रणाली ‘भार्गवास्त्र’
- 8 भारत यूरोड्रोन कार्यक्रम में शामिल
- 9 उन्नत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (BSS) 'संजय' का शुभारंभ
- 10 स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल: नाग Mk 2