मौलिक कर्तव्य : सामाजिक परिवर्तन के लिए नागरिकों के मार्गदर्शक

भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने 15 अगस्त, 2022 को कहा कि संविधान में मौलिक कर्तव्य केवल दिखावटी या तकनीकी उद्देश्य की पूर्ति के लिए नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने में नागरिकों का मार्गदर्शन करने के लिए हैं।

  • उन्होंने यह बात स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान कही।
  • निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने कहा कि हमारा संविधान एक मौलिक दस्तावेज है, जो नागरिकों और सरकार के बीच संबंधों को नियंत्रित करता है। हालांकि इसने हमें अहस्तांतरणीय अधिकार प्रदान किए हैं, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री