महामारी के दौर में मानवीय मूल्य तथा नैतिक दुविधाएं
कोविड-19 महामारी जिसने पूरे विश्व को त्रस्त किया हुआ है, ने मनुष्यता (Humanity) के समक्ष मानवीय मूल्यों की प्रासंगिकता (Relevence of Human Values) तथा नैतिक दुविधाओं (Ethical Dilemma) के संबंध में बहसों को पुनर्जीवित कर दिया है।
महामारी के दौरान गंभीर रूप से बीमार मरीजों के संदर्भ में लिए जाने वाले निर्णयों से लेकर दवाईयों के उचित प्रयोग तथा टीकों के संबंध में व्यक्तिगत चयन बनाम सार्वभौमिक कल्याण (Universal Welfare) जैसी बहसों ने हमारे नैतिक सिद्धांतों को झकझोरा है तथा हमारे समक्ष नई प्रकार की नैतिक दुविधाओं को खड़ा किया है।
महामारी से निपटने में मानवीय मूल्य : चुनौती और ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 2 भारत में सामाजिक उद्यमिता : उदय, प्रभाव एवं संभावनाएं - महेंद्र चिलकोटी
- 3 ब्रिक्स समूह : बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत के लिए अवसर एवं चुनौतियां - आलोक सिंह
- 4 बायो -ई3 नीति : बायो- मैन्युफैक्चरिंग में नवाचार और धारणीयता को बढ़ावा - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 5 भारत में खाद्य सुरक्षा विनियमों का सुदृढ़ीकरण - संपादकीय डेस्क
- 6 भारत एवं क्वाड : एक सुरक्षित एवं समृद्ध विश्व के लिए साझेदारी का विस्तार - आलोक सिंह
- 7 वैश्विक दक्षिण: उभरती चुनौतियां वैश्विक एवं प्रमुख अनिवार्यताएं - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 8 भारत-पोलैंड संबंध : रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग हेतु 'रणनीतिक साझेदारी' - संपादकीय डेस्क
- 9 सिविल सेवाओं में लेटरल एंट्री : एक विमर्श - आलोक सिंह
- 10 भारत-रूस संबंध: परिवर्तनशील वैश्विक व्यवस्था में साझेदारी का विस्तार - संपादकीय डेस्क
- 1 भूमि क्षरण तटस्थता एवं भारत कारण, प्रभाव एवं रणनीति
- 2 जलवायु परिवर्तन अनुकूलन की विधियां तथा भारत के प्रयास
- 3 भारत में शहरी आर्द्र-भूमियों की स्थिति : विनाश के कारण तथा उपाय
- 4 भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली: सुधार की दिशा
- 5 राष्ट्रपति और राज्यपाल की क्षमादान शक्तियां
- 6 प्राथमिक शिक्षा: अधूरे लक्ष्य तथा नई शिक्षा नीति से उम्मीदें