फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय: आवश्यकता एवं महत्व
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 अगस्त, 2021 को 1572.86 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के रूप में 1023 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (Fast Track Special Courts) को 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2023 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी।
- इन 1023 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों में 389 विशेष पॉक्सो न्यायालय भी शामिल हैं। केंद्रीय हिस्से की 971.70 करोड़ रुपये की धनराशि निर्भया फंड से उपलब्ध करायी जाएगी।
पृष्ठभूमि
- महिलाओं विशेषकर नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाओं तथा लंबे समय तक चलने वाली अदालती प्रक्रिया को देखते हुए मामलों की त्वरित सुनवाई के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकरणों को मजबूत करने पर बल दिया
- 2 CAG की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस
- 3 महाराष्ट्र में दया याचिकाओं हेतु समर्पित एक सेल की स्थापना
- 4 CDS द्वारा व्यापक काउंटर-UAS सिस्टम की आवश्यकता पर जोर
- 5 मणिपुर, अरुणाचल तथा नगालैंड में अफस्पा की अवधि में वृद्धि
- 6 नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: असहमति के अधिकार का सम्मान
- 7 दिल्ली HC के न्यायाधीश के आचरण की जांच हेतु 3 सदस्यीय समिति
- 8 एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत
- 9 सरकार का कर्मचारियों हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्देश
- 10 भारत के राज्य प्रतीक के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश

- 1 ट्रिब्यूनल सुधार विधेयक, 2021
- 2 संसद सदस्यों का सदन से निलंबन
- 3 भुलाए जाने का अधिकार
- 4 निवारक निरोध : एक आवश्यक बुराई
- 5 कहीं भी बसने तथा सर्वत्र अबाध संचरण का मौलिक अधिकार
- 6 व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान का एक महत्वपूर्ण पहलू
- 7 गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम
- 8 डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0