निवारक निरोध : एक आवश्यक बुराई

  • 2 अगस्त, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि कानून एवं व्यवस्था की समस्याओं की आशंका पर निवारक निरोध (Preventive Detention) के प्रावधान को लागू नहीं किया जा सकता बल्कि केवल उन मामलों में ही निवारक निरोध के तहत किसी व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है जहां सार्वजनिक व्यवस्था सीधे प्रभावित होती हो।

निर्णय के मुख्य बिंदु

  • न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि निवारक निरोध के मामलों में अदालत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके सामने लाए गए तथ्य सीधे और अनिवार्य रूप से आम जनता या ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री