बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत-पश्चिम एशिया संबंध

डॉ. सृष्टि वर्मा

मानव इतिहास का वर्तमान दौर सर्वाधिक परिवर्तनशील दौर है। सम्पूर्ण वैश्विक व्यवस्था एक अदृश्य संतुलन के सापेक्ष गतिशील है। इसी क्रम में भारत व पश्चिम-एशिया के संबंधों का सामयिक मूल्यांकन किया जा सकता है। मूलतः भारत व पश्चिम एशिया के मध्य सम्बन्ध बहुआयामी रहें हैं, जिनमें कूटनीतिक विशिष्टताएं व सामान्यताएं दोनों विद्यमान हैं। जहाँ एक ओर संबंधों की विशिष्टता दोनों पक्षों की सामाजिक व सांस्कृतिक विशिष्टताओं का औपचारिक निरूपण है वहीं संबंधों के सामान्य पहलू अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की यथार्थवादी पारस्परिक निर्भरता का विस्तार भर हैं।

  • विगत कुछ वर्षों में भारतीय कूटनीति के वैश्विक-दृष्टिकोण में ....

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