पदोन्नति में आरक्षण
जनवरी 2022 में अपने एक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिये पदोन्नति में आरक्षण देने हेतु प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का निर्धारण करने के लिये मापदंड तय करने से इनकार कर दिया।
न्यायालय का यह फैसला देश भर में दाखिल उन याचिकाओं पर दिया गया है, जिनमें पदोन्नति में आरक्षण देने के तौर-तरीकों पर और स्पष्टता की मांग की गई थी।
पृष्ठभूमि
- पदोन्नति में आरक्षणः 1950 के दशक से केंद्र और राज्य सरकारें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदायों के पक्ष में पदोन्नति में सीटें आरक्षित करने की नीति का पालन कर ....
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