अति संवेदनशील वर्गों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव

संयुत्तफ़ राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने हाल ही में ‘थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2022 जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से ‘आपातकालीन स्थिति’ का सामना कर सकता है।

  • उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए किये गए उपायों के तहत विभिन्न देशों द्वारा जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किए जाने से समाज के कमजोर या अति संवेदनशील वर्गों (Vulnerable Sections of Society) के आर्थिक रूप से प्रभावित होने की संभावना है।
  • अगस्त 2018 में केरल में आई भीषण बाढ़ के प्रभावों को रेखांकित करते हुए ....
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