सामाजिक-आर्थिक विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल की भूमिका

विवेक उपाध्याय

  • प्रतिष्ठित उद्यमी पुरस्कार की घोषणा होते ही नरेश फ्रलैश-बैक में चला गया। ग्रामीण भारत के दलित जीवन की चुनौतियां और उनका सामना करते हुए आई.आई.टी. में प्रवेश तथा फिर दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी में जॉब और आज उसके ही स्टार्ट-अप प्रयास को राष्ट्रीय प्रोत्साहन_ भावों की अलग-अलग नदियों में डुबो रहे थे। अगर कोई भाव स्थाई था तो वह उसकी विनम्रता थी। विनम्रता उसकी सफलता के प्रति। नरेश ने सभी अवरोधों को पार पाते हुए अच्छी शिक्षा पाई। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए निरंतर दक्षता बढ़ाने में लगा रहा। यही उसकी सफलता का ....
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