भारत-नेपाल संबंध : मौजूदा चुनौतियां एवं सहयोग के क्षेत्र
भारत और नेपाल के बीच संबंध व्यापक और बहुआयामी हैं तथा दोनों देशों ने ऐतिहासिक संबंधों को औपचारिक स्वर प्रदान करने के लिए 17 जून, 1947 को राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। नेपाल, सीमा पार संपर्क, बुनियादी ढांचा विकास, वित्तीय कनेक्टिविटी जैसी पहलों के माध्यम से भारत की आर्थिक प्रगति से लाभ उठाने में सक्षम हुआ है। दोनों देशों का ऐतिहासिक काल से सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संपर्क रहा है। नेपाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रति भारत के सकारात्मक रवैये के परिणामस्वरूप, दोनों देशों के बीच उच्च स्तर का विश्वास पैदा हुआ है| दोनों देशों के मध्य आर्थिक ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 2 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 3 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार
- 4 निवारक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता - डॉ. अमरजीत कुमार
- 5 भारत-कुवैत रणनीतिक साझेदारी खाड़ी देशों तक भारत की पहुंच में एक महत्वपूर्ण पड़ाव - आलोक सिंह
- 6 शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन भारत का दृष्टिकोण, चुनौतियां तथा आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 7 वैश्विक शासन सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता एवं महत्वपूर्ण मुद्दे - आलोक सिंह
- 8 भारत में महिला उद्यमिता आर्थिक विकास, नवाचार एवं सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहन - महेंद्र चिलकोटी
- 9 जलवायु वित्तयन COP29 सम्मेलन में की गई प्रगति, चुनौतियां तथा भविष्य की राह डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव

- 1 वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की वहनीयता : नवीन चुनौतियां एवं समाधान
- 2 वन हेल्थ मॉडल : उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने का संधारणीय दृष्टिकोण
- 3 क्लाइमेट फाइनेंस : जलवायु शमन एवं अनुकूलन में इसकी भूमिका
- 4 असंगठित क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण : सामाजिक सुरक्षा हेतु संरचनात्मक हस्तक्षेप आवश्यक
- 5 भावनात्मक बुद्धिमत्ता : नैतिक और समावेशी शासन का प्रेरक
- 6 पीएम गति शक्ति योजना : अवसंरचनात्मक विकास में भूमिका एवं महत्व - (डॉ. अमरजीत भार्गव)