आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं: सर्वोच्च न्यायालय
- तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी के लिए 50% सीटें आरक्षित किए जाने की माँग को लेकर दायर याचिका को सुनने से इनकार करते हुए 11 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ समुदायों के लिए सीटों का आरक्षण उनका मौलिक अधिकार नहीं है।
- एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन जजों की खंडपीठ ने कहा कि धारा 32 के तहत कोई भी केस तभी दाख़िल किया जा सकता है, जब मौलिक अधिकारों का हनन हुआ हो।
- याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वो किसी आरक्षण में किसी इज़ाफ़े की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनका आरोप है ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 फायरफ्लाइज़, भारत का पहला निजी उपग्रह समूह
- 2 पिग बूचरिंग घोटाला/निवेश घोटाला
- 3 अंजी खड्ड पुल
- 4 2025 ‘सुधारों का वर्ष’
- 5 क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीकी से विकसित पहला बेबी कोरल
- 6 छत्तीसगढ़ वनों को हरित GDP से जोड़ने वाला भारत का पहला राज्य
- 7 हरित परिवर्तन योजना पर कार्यशाला
- 8 बाघों का अंतर-राज्यीय स्थानांतरण
- 9 57वां बाघ अभयारण्य
- 10 ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतरराष्ट्रीय वर्ष
करेंट अफेयर्स के चर्चित मुद्दे
- 1 गुप्त मतदान का सिद्धांत एवं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम
- 2 पब्लिक अथॉरिटी नहीं है पीएम-केयर्स फंड
- 3 सिविल सेवा बोर्ड का गठन
- 4 मातृत्व आयु व एमएमआर की जांच हेतु टास्क फोर्स
- 5 एनडीआरएफ में व्यक्तिगत योगदान को मंजूरी
- 6 भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तथा अर्थव्यवस्था
- 7 इंटरक्रॉपिंग को बढ़ावा एवं इसके लाभ
- 8 भारत-ऑस्ट्रेलिया के मध्य व्यापक रणनीतिक साझेदारी एवं समझौते
- 9 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एवं भारत
- 10 निजी क्षेत्र की अन्तरिक्ष गतिविधियों मे भागीदारी
- 11 मरुस्थलीकरण और सूखा: भारत के समक्ष एक बड़ी चुनौती